
Google map каже, шо українські поези (проект «Wordyssey») вже подолали 36 569,8 км!)
З Об’єднаних Арабських Еміратів вірші Олега Лишеги, Сергія Жадана, Маріанни Кіяновської, Остапа Сливинського та Богдани Матіяш вирушили на схід, у столицю Індії - Нью-Делі, що фактично є районом Делі й було сплановано відомим британським архітектором 20-го століття Едвіном Лаченсом. Місто відоме своїми широкими, усадженими деревами бульварами, численними державними установами та культурними пам'ятниками.
В Індії проект зустрів неймовірний перекладач...
The 12-th phase: from UAE (Dubai)-> to India
Мапа мандрівки на GoogleMap
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Редактор арабського щоквартального журналу «Thaqafatul Hind» (2003-2009), що публікувався Індійською Радою з культурних зв'язків, Нью-Делі. Гостьовий редактор «Yavanica», Індія. Гостьовий редактор щоквартального журналу «Сар Sansar» (зарубіжна література), Делі. Член редакції «Sar Sansar» (щоквартальний журнал зарубіжної літератури), Хайдарабад.
Автор низки наукових статей та рецензій, а також літературних перекладів, що опубліковано в періодичних виданнях. Переклав 58 оповідань (хінді) та 10 оповідань (урду) різних арабських письменників, що були опубліковані в різних журналах і книгах. Організатор наукових семінарів та конференцій.
Автор книжок: «Muntakhab Arbi afsane» (переклад арабських оповідань на урду, Делі, 2007), «Arbi waartalaap pustika» (Довідник з розмовної арабською мови, Нью-Делі 2006), «Jiggyasa – Arbi katha sangrah» (переклад окремих арабських оповідань на хінді, Делі 2005), «Chor aur kutte» (Нью-Делі, 2010), «Легкий шлях до арабської» (Нью-Делі, 2011), «Проблески Священного Корану» (Делі, 2012), «Есеї з Тисячі і однієї ночі» (Нью-Делі 2014).
Рахманові переклади для проекту «Wordyssey»:

Marianna Kijanowska
- मरिजाना किजनोव्सका-
मेलोस में "देब्तिक” बोर्ड
यदि न होता शहर जिसमें हर वस्तु
होता शहर जैसा
न होती जगह न होता नाका
न ही वहां होते बड़े बड़े बैनर
मनुष्य के चेहरे के सामान चेहरों के.
अगर होती हवा, और होता बर्फ
अगर होते जैतून के बाग
और होते नीमुं के पेड़,
अगर काफी होती और होती शराब
ठीक ऐसा ही, यही होता
हमारी अधूरी किताब छिपा दी जाती.
अगर न रहता उन सभों का कोई नेशान
न तवचा पर और न ही धरती पर
जिस समय घसीट रहे होते हम अपने छाये को अपने पीछे
अगर हमारा अतीत पूरी तरह गुज़र गया होता
या गुज़र गया होता उन सभी वस्तुओं के साथ
(सही में वो उन सब वस्तुओं के साथ गुज़र चूका है)
उसके पास कवी केवल कवी के अतिरिक्त कुछ नहीं होता
या सब चीज़ों के साथ एक कवी होता है
या होता है केवल कवि छोटा या बड़ा
ऊपर से नीचे को
और निचे से ऊपर को
और इसी तरह ....
.
उसके पास मरते हैं कवि
जैसे मर जाता है सूर्य पंक्तियों के बीच और उसके पीछे.
कोई समझदार गौरैया कभी हिलेगी नहीं
आज के बाद न ही अपने घोंसले में और न ही अपने पिंजरे में
...
न दाढ़ी में न ही आँखों में
न ही हाथ में और मुंह में
लेकिन भीतर किसी जगह
किसी बड़ी प्यारी सी जगह
अंदर के किसी कोने में
जब वो चलता है ,
उड़ता है,
दोबारा इस में उड़ने की शक्ति नहीं होती
अपने आप को निचे गिरता हुआ पाता है
और इसी तरह। …

Serhij Zhadan
- सरहिज झादान -
प्यार जीवन के अंत तक
------.
क्या याद है तुन्हें वो संदिग्ध घर?
हम बैठे थे निराश ज़ुम्बी के चूहे के सामान
हम आते थे, जाते थे और सोते थे कुर्सियों के बीच
नहाने के टब के बीच भयावह रातों को होटलों में
तम्हारा हाथ था मिटटी से बने वास्तविक बर्तन के सामान।
याद है वो बूढ़ा? जो मिला था हमें सीढ़ियों पर ,
उसने चिपका रखा था अपने आप को दीवार से
ताकि निकल पाएं हम,
शांत था मृत्य शरीर के सामान,
संदेह की गंध थी उसकी धंसी हुई आँखों में,
देख रही थीं तुम्हारी सभी गतिविधियों को
दो आँखों से पहचानने वाला होश खो रहा था चमक में तिम्हरे घुटनों की
प्रकाश स्तम्भों पर और छाए में,
तुम्हारी आभूषणों की गर्म चमक में.
मेरे पास पुलिस वाला आया
और पूछा अपनी शक भरी आँखों से
कैसा था? महीना! एक पूरा महीना!
"एक पूरा महीना और तुमने उसकी अनुपस्थिति पर ध्यान नहीं दिया?
एक पूरा महीना, उसमें जीवन का कोई संकेत नहीं? पूरा महीना?
वास्तव में ये सही नहीं है: मैं ने बताना चाहा
"मेरे जीवन का वो सबसे सुन्दर महीना था"
"दुर्गन्ध?! क्या उस दुर्गन्ध ने नहीं किया जीवन को मैला?
"नहीं। और क्यों नहीं? यहाँ तक कि कभी कभी जीवन का गंध भी दुर्गन्ध लगता है"
तुम्हें पता है वो सोया तो फिर उठा ही नहीं? ठीक तुम्हारे सरों के ऊपर?
उसका बिस्तर सरक कर ज़मीन को छू रहा था. छत में रिसने वाला था.
उसी समय खिड़की से आये गर्म हवा के झोंके
कठिन था उसके गंध का वर्णन
रेडियो ने सुनाया दुर्भायपूर्ण समाचार
यदि मैं मर रहा होता,
जानता के मेरे मरने का समय आ गया है
मैं सुन रहा हूँ समाचार।
तुम ने ले लिया मेरा दिल जब हुई धड़कन बंद
एक बार फिर से दाल दी उम्मीद उस में
एक बार फिर तुम्हारे सामने धड़कना आरम्भ हो गया
क्या कहूँ जब दोबारा तुम्हें देख रहा हूँ?
क्या कहूँ जब दिख रही तुम्हारी चमक दूर से दिख रही है?
---
प्यार अंत तक
करूंगा प्यार अंत तक
हम इलाज करेंगे ताकि हो उठे ज़िंदा
रखेंगे गुफाओं की गहराईयों में, सुरंगों में
ज़ोम्बी की हड्डियां चरमराती रहीं ,
अपनी मृत्यु की घिषणा कर दी,
और तैयार हुआ जाने के लिए टूटे हुए बाथरूम में,
सुन्दर सा गीत गाओ!
कभी हमें दास नहीं बनाएगा समय,
खदेड़ देंगे हम उसे अपनी गीतों से,
तो मेरे प्यारे, तुम खुश रहो हमारी हथेलियों में,
हम सींचते रहें अपनी कब्र के गुलाब को हर दिन।

Bohdana Matijasz
बोहदना मातिजाज़
हाय, प्रेमियों का सौंदर्य
कायर पहली किरणों के समान
जिसे सूर्य भोर होने से पूर्व भेजता है,
उनमें है साहस कबूतरों के समान
हाए रे, प्रेमियों कि मेहरबानी
हाय रे, उनकी मेहरबानी कि उनको सब कुछ स्वीकार्य है
देखो उनके हाथों को, जो भरे हैं खजानों से
उनके हाथ, उनकी आँखें, और उनकी नाज़ुक ख़ुशी
उनकी साहसी मुसकानों की शांति
गर्मी के हौले हौले चलते हुए पवन
डोल्फिन के सामान प्रेम करने वाले
सड़क के बच्चों के सामान पानी में कूदते हैं
जिस से बन जाते हैं सैकड़ों तरंगित विर्त
जिस पर पड़ते ही छितरा जाता है प्रकाश
हमें सिखाते हैं आभार प्रकट करना
उनके लिए जो जीवित हैं और नहीं भी
सिखाते हैं सम्बन्ध बनाना एक दुसरे से
विनम्रता से साहस से
जिद और इनकार के बिना
जब आकाश से प्रकाश हो जाता है ओझल
बंद हो जाती है चिड़ियों कि चहक
फूट पड़ता है पानी धाती के भीतर से
और लगते है बहने.

Ostap Slyvynskyj
उस्ताब स्लोवोंसकवि
हमेशा प्रकाश से भर जाता है
हमेशा प्रकाश से भर जाता है
वो केवल एक कैनवस ही नहीं था
न ही था आह्वान का संकेत
न था कोई प्रकाश और न ही प्रकाश स्तम्भ
न ही कौई मानव न ही पशु
न कोई पेड़ को प्रभावित करता संकट
झूलता हुआ स्वर्ग और नरक के बीच
आत्मा के सामान जिसका होता नहीं अंत दमकते शरीर में
न कोई बुलावा न ही कोई संकेत
यहाँ तक के न ही कोई वस्तु.
....
इस प्रकार हम मिले अंधे रास्ते पर
न जताया किसी ने शोक न ही मिली कोई सान्तवना
हमें आशा थी जिस सान्तवना की
हम थके थे, जवाब दे रही थी हमारी हिम्मत
हम निराश् थे हार के सामने.
.....
कान हो गए थे बहरे प्रार्थना और दुआ से
बंद हो जाते हैं शांति और लड़ाई में
लेकिन मेरी बेचैनी हमारे लम्बे सब्न्नाटे से दूर नहीं होती
चकाचौंध
महाद्वीपों के छोटे छोटे शासकों की खातिर
जो चल रहे हैं पीछे एक दुसरे के
.....
वो देखते हैं बारीकी से और सावधानी से
माताओं के समान जिन के सपाट चेहरे
भर गए हैं झुर्रियों से
आशा के अभाव में, जैसा कि आमतौर पर होता है,
दिखती नहीं क्षितिज पर कोई आशा
यही मुख पात्र है.

Oleh Lysheha
ओलेग लिसेहा
कान्तो 551
अगर अभी भी नहीं हुई देर,
तोड़ दो बर्फ को अपने सिर से
अगर अभी भी नहीं हुई देर,
तोड़ दो बर्फ को अपने सिर से
तलाशो कोइकोई दूसरा रास्ता, चलो
आशा है इस सभ्य संसार में ढूंढ पाऊं तुम्हाते लिए एक स्थान
तालाब कि मछली तो करती है केवल उसके उलट
बैठी है अधिक गहराई में,
तैरती है इधर उधर,
मछली बन्नाई ही गयी है इसलिये,
की उनका शिकार हो कभी न कभी.
ऐ मनुष्य, जहां तक प्रश्न है तुम्हारा,
पड़ते नहीं जाल में,
मछली तो बिलकुल भिन्न है:
पड़ी है शताब्दियों से छिछले पानी मैं,
जमा हो जाती है रेत के काले आड़ में,
ताकि निकल पाएं दूसरी ओर से.
लेकिन क्या मनुष्य हमारे समय में नहीं करता उसकी तलाश?
पंख एक दुसरे से रगड़ते हैं .... सही है
क्या आभास होता है तुम्हें कोई छोड़ गया हो!
मनुष्य ऐसे ही होते हैं!
मत बाण जाना कायर, तुम्हें करना है अपना काम
अगर अभी भी नहीं हुई देर
तोड़ दो बर्फ को अपने सिर से.
हाय तू, खंडित विचित्र नया विशाल संसार!
Прим.: вірші українською ви можете знайти за ось цим посиланням: https://litcentr.in.ua/news/2012-12-17-2401
5 вересня, 2014 року.
Бортовий журнал проекту «Wordyssey».

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Про проект «Wordyssey»: http://litfest.ru/news/2012-11-27-2364
Проект «Wordyssey»: Автори та вірші. http://litfest.ru/news/2012-12-17-2401
WORDYSSEY на Книжковому Арсеналі '13: http://litfest.ru/news/2013-05-16-2623
WORDYSSEY на Форумі видавців '13: http://litfest.ru/news/2013-09-02-2726
1-ша країна: Богдан Задура, Польща. http://litfest.ru/news/2012-12-24-2414
2-га країна: Іштван Ковач, Угорщина. http://litfest.ru/news/2013-03-01-2512
3-тя країна: Люція Шимановська, Чехія. http://litfest.ru/news/2013-04-03-2566
4-та країна: Андреас Третнер, Німеччина. http://litfest.ru/news /2013-05-09-2615
5-та країна: Рафаель-Хосе Діас, Канарські острови. http://litfest.ru/news/2013-07-01-2672
6-та країна: Башкім Шеху, Албанія. http://litfest.ru/news/2013-07-16-2689
7-ма країна: Арбен Дедя, Італія. http://litfest.ru/news/2013-08-02-2701
8-ма країна: Флавіано Пісанеллі, Франція. http://litfest.ru/news/2013-09-17-2738
9-та країна: Ромео Цоллаку, Греція. http://litfest.ru/news/2013-09-30-2751
10-та країна: Хаген Кеннеді, Бразилія. http://litfest.ru/news/2014-03-09-2889
11-та країна: Мутаз Абдо, Дубай (CАЕ) http://litfest.ru/news/2014-06-20-2980
12-та країна: Ріжванур Рахман (Нью-Делі, Індія) http://litfest.ru/news/2014-09-05-3053